उत्तराखंड में एक बार फिर से स्टिंग की चर्चा होने लगी है। इस प्रकरण पर नाम फिर से आया है पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का। हरक सिंह रावत के निशाने पर इस बार आए कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल। प्रेमचंद अग्रवाल ऋषिकेश के विधायक हैं और ऋषिकेश के क्षेत्र में आईडीपीएल कॉलोनी को खाली किए जाने के मसले पर हरक सिंह रावत ने प्रेमचंद अग्रवाल को घेर लिया है।
वास्तव में हरक सिंह रावत आईडीपीएल की जनता के समर्थन में खड़े हुए थे। इस दौरान उन्होंने ऋषिकेश के ही विधायक और शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को फोन मिला दिया। फोन पर कई मिनट तक यह बातचीत होती रही। हरक सिंह रावत के किसी सहयोगी ने इस पूरी बातचीत को अपने फोन में रिकॉर्ड कर लिया। हरक सिंह रावत के फोन में कोई फोन रिकॉर्डिंग नहीं हुई। लेकिन हरक सिंह रावत के सहयोगी ने सवाल और जवाब का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में फैला दिया।
इसके बाद ऋषिकेश में बवाल और भी ज्यादा बढ़ने लगा क्योंकि IDPL की जनता अपने स्थानीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ नारेबाजी करने लगी। हरक सिंह रावत अपने खेल में कामयाब हो गए। लेकिन बीजेपी हरक सिंह रावत को घेरने में जुट गई । प्रेमचंद अग्रवाल बीजेपी के कई नेताओं के इस बयान को नैतिक राजनीति का पाठ पढ़ाने लगे ।
हरक सिंह रावत इस बार हरिद्वार संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं । इसलिए आईडीपीएल में जाकर उन्होंने अपना जनसमर्थन जुटाने का प्रयास किया। बातचीत और फोन रिकॉर्डिंग के जरिए अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को यह बताने में भी कामयाब हो गए स्थानीय विधायक की सरकार के भीतर क्या हैसियत है। वास्तव में जब दोनो नेताओं की बात हो रही थी तो कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि डीएम कह रही है कि ऊपर से आदेश है और काम नहीं रोका जाएगा।
आपको बता दें ऋषिकेश आईडीपीएल कॉलोनी में इस समय हजारों परिवार को बाहर निकालने का अभियान चल रहा है। कॉलोनी के ध्वस्तीकरण का कार्य गतिमान है। इस कार्य को रुकवाने के लिए ही हरक सिंह रावत प्रेमचंद अग्रवाल से बातचीत कर रहे थे और पूरी घटना की जानकारी भी प्राप्त कर रहे थे।
वैसे कुछ दिन पहले ही कोटद्वार की मालन नदी पर एक पुल टूट जाने पर स्थानीय विधायक और विधान सभा अध्यक्ष रितु खंडूरी जब मौके पर पहुंचे तो उन्होंने आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रणजीत सिन्हा से टेलीफोन पर बातचीत की थी । इस बातचीत को भी रितु खंडूरी के समर्थकों ने अपने फोन कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया था। उसके बाद उसे भी वायरल किया गया था। ऐसा लगता है कि राजनीति में अब यह एक नई परिपाटी चल पड़ी है।