उत्तराखंड सरकार को एक बार फिर से झटका लगा है । झटका राज्य सरकार को नैनीताल हाईकोर्ट ने दिया है । नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस फैसले को पलट दिया जिसमें चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को बर्खास्त किया गया था। रजनी भंडारी 2019 में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। लेकिन राज्य सरकार ने वित्तीय गड़बड़ी के आरोप में रजनी भंडारी को 25 जनवरी को उनके पद से हटा दिया। रजनी भंडारी इसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में गई। रजनी भंडारी की तरफ से उसके वकीलों ने जोरदार पैरवी की और कोर्ट में दलीलें पेश की कि रजनी भंडारी को हटाने के लिए पंचायती राज की नियमावली का पालन नहीं किया गया है। इसके बाद नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को बदल दिया ।अब रजनी भंडारी एक बार फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बहाल हो गई है । आपको बता दें कि रजनी भंडारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी है। राजेंद्र भंडारी वर्तमान समय में बद्रीनाथ विधानसभा सीट से विधायक है। राज्य सरकार को इससे पहले उत्तरकाशी के जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजलवान को हटाने के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट झटका दे चुका है ।दीपक बिजलवान पर भी वित्तीय गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए राज्य सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद दीपक बिजलवान नैनीताल हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जहां उनकी फिर से बहाली का रास्ता साफ हुआ।रजनी भंडारी पर 2012 में नंदा राज यात्रा के लिए कामों के आवंटन में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। 10 साल बाद राज्य सरकार ने अपनी कार्रवाई की है इससे राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होते हैं।