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ये कंफ्यूशन क्यों है?

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ये कंफ्यूशन क्यों है?

उत्तराखंड में मंत्री कंफ्यूज है , उत्तराखंड में सरकारी अधिकारी कंफ्यूज हैं। यानी नीति बनाने वाले और नीतियों को लागू करने वाला वर्ग पूरी तरीके से कंफ्यूज है। और जब यह कंफ्यूज होते हैं तो राज्य के स्थानीय निवासी भी कंफ्यूज हो जाते हैं। इन सारे कंफ्यूजन के बीच में कंफ्यूज यात्री भी हो गए हैं। जो राज्य की प्रमुख चार धाम यात्रा पर आने की तैयारी कर रहे हैं।

चारधाम यात्रा की हो रही है तैयारी, तीर्थ पुरोहित फिर नाराज़

वास्तव में राज्य सरकार चार धाम यात्रा की व्यवस्था को लेकर तैयारियों में व्यस्त है । लगातार बैठकों का दौर चल रहा है । इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय भी राज्य की चार धाम यात्रा पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। राज्य सरकार ने एक बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए यात्रा संचालित किए जाने की बात कही तो उसके बाद राज्य के व्यापारी और तीर्थ पुरोहित सरकार के फैसले के खिलाफ या कहें तो सरकार के खिलाफ आंदोलन करने पर उतर आए और सरकार तक अपनी शिकायतें पहुंचाई जाने लगी। इस बीच राज्य सरकार कोई गतिरोध यात्रा के मामले में तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय व्यापारियों से नहीं लेना चाहती। इसलिए अपने बयान से या अपने फैसले से वह कई बार पलटते हुए भी नजर आई।

पिछले साल 250 तीर्थ यात्रियों की हुई थी मौत

उत्तराखंड चार धाम यात्रा कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण है। बद्रीनाथ, केदारनाथ , गंगोत्री और यमुनोत्री में लाखों श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं। लेकिन पिछले साल चार धाम यात्रा करने आए तीर्थ यात्रियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। एक सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार 250 से ज्यादा तीर्थ यात्रियों की उत्तराखंड में मौत हो गई। इसके बाद ही केंद्र सरकार हरकत में आई है।

PMO कर रहा है यात्रा की तैयारी की निगरानी

इस बार प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग खासतौर पर यात्रा की तैयारियां कर रहा है। जहां एम्स ऋषिकेश केंद्र सरकार की तरफ से नोडल विभाग तय कर दिया गया है, वहीं केंद्र की सुरक्षा एजेंसियां और आपदा प्रबंधन में जुटी हुई फोर्सेस पूरी तरीके से अलर्ट है। उत्तराखंड सरकार का पूरा ध्यान चार धाम यात्रा पर है। और एसडीआरएफ भी अलर्ट मोड पर है। इस बीच तीर्थ यात्रियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर एक भारी कन्फ्यूजन अभी भी बना हुआ है।

तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यसचिव से की मुलाकात

मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू के साथ तीर्थ यात्रियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की और आग्रह किया कि यात्रा जैसे चला करती थी उसे वैसे ही जारी रहने दिया जाए। लेकिन अभी राज्य सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं प्राप्त हुए हैं ।तो देखना यह काफी महत्वपूर्ण है कि यात्रा इस बार कैसे संचालित होती है और राज्य और केंद्र की एजेंसियां कैसे अलर्ट रहती है

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