उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक तरफ विधायकों के काम का जो की समीक्षा की तो दूसरी तरफ कांग्रेस इसको लेकर आग बबूला हो गई है। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया है । कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा की तरफ से बयाना गया है और कांग्रेस इसे आगे भी उठाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। दूसरी तरफ बीजेपी कहती है कि जब जरूरत होगी तो कांग्रेस के विधायकों को भी समीक्षा बैठक में बुला लिया जाएगा।
गढ़वाल संसदीय सीट की समीक्षा के बाद पकड़ा मामले ने तूल
मामला तब ज्यादा तूल पकड़ा जब गढ़वाल संसदीय सीट के विधायकों की समीक्षा की जा रही थी। उनके कामकाज को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी फीडबैक ले रहे थे। सीएम धामी अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे । बद्रीनाथ धाम के विधायक हैं राजेंद्र भंडारी। राजेंद्र भंडारी समस्या यह है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में जोशीमठ आता है और वहां पर जो कुछ कामकाज हुआ है उससे कांग्रेस संतुष्ट नहीं है ।वह इसको लेकर अपनी नाराजगी जताना चाहते थे और कुछ सुझाव देना चाहते थे। लेकिन उन्हें इस बैठक में बुलाया ही नहीं गया है ।
“जब समीक्षा की गई तो बद्रीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी को भी बैठक में बुलाना चाहिए था. वो जोशीमठ की समस्या को लगातार उठा रहे हैं. उनके कुछ सुझाव भी हैं. “
कारण माहरा, अध्यक्ष, उत्तराखंड कांग्रेस
“कांग्रेस के विधायकों के साथ अलग से समीक्षा की जा सकती है.”
महेंद्र प्रसाद भट्ट, बीजेपी अध्यक्ष, उत्तराखंड
कांग्रेस ने नाराजगी जताई, बीजेपी ने दिया जवाब
इसके बाद कांग्रेस ने अपना अधिकृत बयान जारी किया जो कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण मेहरा की तरफ से आया ।दूसरी तरफ करण मेहरा के जवाबों पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भट्ट ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि विपक्ष के विधायकों के साथ मुख्यमंत्री फिर से समीक्षा कर सकते हैं। लेकिन मामला यहीं पर शांत नहीं हुआ है। आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह