उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा पर एक बार फिर से अपना पुराना फैसला पलट दिया है । राज्य सरकार की तरफ से अब नया फरमान जारी किया गया है। पहले चार धाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या को नियंत्रित कर दिया गया था। लेकिन अब सरकार ने अपने पुराने फैसले को वापस ले लिया है।
व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिहाज से राज्य सरकार ने सबसे पहले बद्रीनाथ धाम में हर रोज 18000 तीर्थ यात्रियों को ही दर्शनों की अनुमति देने का फैसला लिया था। केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 15000 गंगोत्री में 9500 और यमुनोत्री में 5500 तीर्थ यात्रियों को ही दर्शनों की अनुमति दिए जाने का कठोर कदम राज्य सरकार ने उठाया था। लेकिन अब राज्य सरकार ने किसी भी धाम में यात्रियों की संख्या को सीमित नहीं करने का फैसला लिया है।
राज्य सरकार के सामने चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और व्यापारी वर्ग ने मुलाकात की ।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह किया और उसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने तमाम अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद इस फैसले को पुराने फैसले को पलट दिया। आपको बता दें कि उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र की अर्थव्यवस्था चारों धामों पर टिकी हुई है ।
लेकिन राज्य सरकार ने यात्रियों के रजिस्ट्रेशन पर अपना फैसला बरकरार रखा है। कोई भी तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन कर के दर्शनों के लिए आ सकता है। हालांकि इसमें भी एक छूट भी राज्य सरकार ने दी है। यदि कोई यात्री या पर्यटक भूलवश उत्तराखंड में आ जाता है तो वह ऑफलाइन या किसी स्थान विशेष में जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है। अब यह व्यवस्था कितनी कारगर होगी यह देखना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होगा ।
राज्य सरकार ने अपने स्वास्थ्य सचिव को केदारनाथ धाम की यात्रा का जायजा लेने के लिए भेजा है । डॉक्टर राजेश कुमार सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक पैदल यात्रा करके स्वास्थ्य की सुविधाओं का परीक्षण कर रहे हैं। आपको बता दें कि पिछले साल चार धाम यात्रा में 250 से ज्यादा तीर्थयात्रियों की मौत स्वास्थ्य कारणों से हो गई थी ।इसलिए राज्य सरकार इस बार स्वास्थ्य परीक्षण कराए जाने पर सबसे ज्यादा जोर दे रही है और अपनी व्यवस्थाओं को भी चाक-चौबंद करने के लिए तैयारियों में जुटी हुई है ।राज्य सरकार के साथ-साथ इस साल केंद्र सरकार भी यात्रा पर खास फोकस कर रही है और एम्स ऋषिकेश को उसने नोडल एजेंसी बनाया है। अब देखना यह है कि इस बार यात्रा में व्यवस्थाओं को सुचारू रखने में राज्य सरकार और क्या क्या कदम उठाती है ।
22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट पूरे विधि विधान से खोल दिए गए ।25 अप्रैल को श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाने हैं और 27 अप्रैल को श्री बद्री विशाल धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।