उत्तराखंड सरकार ने एक और प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। औली विकास प्राधिकरण बनाया गया है। इस प्राधिकरण के दायरे में आने वाले तमाम निर्माण कार्य अब प्राधिकरण की मंजूरी के बाद ही हो पाएंगे।उत्तराखंड सरकार के इस फैसले से ओली और उसके आसपास के क्षेत्र में प्लानिंग के साथ निर्माण होने की उम्मीद की जा रही है।
औली वह क्षेत्र है जो पूरी दुनिया भर में विंटर गेम्स के लिए जाना जाता है । लेकिन औली के ठीक नीचे बसा जोशीमठ वह क्षेत्र है जो इस साल के शुरुआत में परेशानी का कारण बना। यहां कई मकान और दुकानों के अतिरिक्त बड़े निर्माण में बड़ी-बड़ी दरार आ गई थी। जिससे लोगों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करना पड़ा। कई बड़े होटलों को ध्वस्त करने का फैसला भी लेना पड़ा।न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि देश की कई बड़ी एजेंसियों ने औली के ठीक नीचे जोशीमठ पर गंभीरता के साथ अध्ययन किया।
ऐसा माना जा रहा है कि जोशीमठ और उसके आसपास का क्षेत्र भी औली विकास प्राधिकरण के दायरे में आएगा। और यहां पर जो भी निर्माण कार्य होंगे इसकी मंजूरी प्राधिकरण से ही लेनी होगी।यह वह क्षेत्र है जो बद्रीनाथ धाम का एक प्रमुख पड़ाव है और पर्यटन के लिहाज से भी पिछले कुछ दशकों में काफी तेजी से विकसित हुआ है ।अब देखना यह है सरकार के इस ताजा फैसले से किस तरीके से निर्माण कार्यों में एक विशेष तरीके की प्लानिंग देखी जाती है। यह देखना काफी महत्वपूर्ण होगा कि कहीं सरकार के इस फैसले से गांव देहात के एक आम आदमी को तो परेशानी नहीं होगी।