उत्तराखंड में सरकारी अस्पताल का एक और कारनामा सामने आया है। डॉक्टर की लापरवाही की जांच के आदेश सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने दे दिए हैं । मामला सीमांत जनपद उत्तरकाशी के बड़कोट क्षेत्र का है बड़कोट चार धाम यात्रा में से एक यमुनोत्री धाम का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। खबर है कि बड़कोट के चपताड़ी क्षेत्र की एक महिला अपने पति उपेंद्र लाल के साथ प्रसव कराने के लिए बड़कोट सामुदायिक अस्पताल पहुंची थी । लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उसे भर्ती नहीं किया।
अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं थी.अस्पताल से कुछ दूरी पर ही महिला का प्रसव हो गया.सचिव डॉ आर राजेश कुमार तक इस पूरे प्रकरण की खबर पहुंची इसके बाद डॉ आर राजेश कुमार ने इस पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं।
अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं थी और अस्पताल में परिवार को एक कंसेंट फॉर्म साइन करने के लिए कहा। अस्पताल का दावा है कि यह परिवार बिना कंसेंट फॉर्म साइन किए अस्पताल से बिना बताए चला गया। अस्पताल से कुछ दूरी पर ही महिला का प्रसव हो गया और उसे वापस अस्पताल में भर्ती किया गया। इस पूरे घटनाक्रम की अच्छी बात यही है कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ है।
मीडिया में इस खबर के आने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया । सचिव डॉ आर राजेश कुमार तक इस पूरे प्रकरण की खबर पहुंची इसके बाद डॉ आर राजेश कुमार ने इस पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। सीएमओ से इस घटनाक्रम की पूरी रिपोर्ट तलब की है। महत्वपूर्ण बात यह है कि जहां सरकार पहाड़ में और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाए जाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है, वही इस प्रयास पर कुछ लापरवाह डॉक्टर्स के कारण पलीता लगता हुआ नजर आता है। बड़कोट चारधाम यात्रा मार्ग में यमुनोत्री धाम का महत्वपूर्ण पड़ाव है। अगले कुछ हफ्तों में यात्रा शुरू होने जा रही है। ऐसे में इतने महत्वपूर्ण क्षेत्र में ऐसी लापरवाही ने शासन के कान खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि अस्पताल प्रशासन अपने बचाव में क्या तर्क देता है और जांच रिपोर्ट कहती है कि जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई करता है।