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उत्तराखण्ड को विशेष सहायता (ऋण) के लिए 951 करोड़ रूपये की स्वीकृति

वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पूंजीगत निवेश 2023-24 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड को विशेष सहायता (ऋण) के लिए 951 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य को प्रदान की गई इस विशेष सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया।

वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जिन महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए 2023-24 के लिए राज्य को विशेष सहायता स्वीकृत की गई है, उनमें जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की सुविधा के लिए 110 करोड़ रूपये, नैनीताल में मॉडल कॉलेज अपग्रेडेशन के लिए 61 करोड़ रूपये, 500 बेड के दून मेडिकल कॉलेज के लिए 60 करोड़ एवं दून मेडिकल कॉलेज कैम्पस के लिए 33.98 करोड़ रूपये की विशेष सहायता प्रदान की गई है। पीएमजीएसवाई स्टेट शेयर के लिए 56 करोड़ रूपये, रूड़की देवबंद रेल लाईन के लिए 55 करोड़ रूपये, सहसपुर में स्किल हब के लिए 25.91 करोड़ रूपये, फार्म मशीनरी बैंक के लिए 25 करोड़ रूपये, टनकपुर आईएसबीटी के लिए 25 करोड़ रूपये, देहरादून में बस डिपो/वर्कशाप के लिए 25 करोड़ रूपये एवं अल्मोड़ा सीवरेज स्कीम के लिए 20.16 करोड़ की विशेष सहायता प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त अन्य योजनाओं में भी विशेष सहायता के तहत भारत सरकार द्वारा धनराशि स्वीकृत की गई है।

प्रधानमंत्री मोदी से मिले धामी, होगी मांग पूरी?

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट कर उत्तराखंड के विकास में उनके मार्गदर्शन और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को स्थानीय भांग के रेशे की शॉल बेडू के उत्पाद तथा नंदादेवी राजजात की परम्परागत वाद्ययंत्रो *ढोल, दमाऊं, रंणसिंघा युक्त प्रतिकृति* भी भेंट की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में सड़कों पर परिवहन के दबाव को एक अत्याधुनिक एवं ग्रीन मास रैपिड ट्रांजिट प्रणाली द्वारा कम करने और जनमानस को सुरक्षित यातायात की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के दृष्टिगत देहरादून मेट्रो नियो परियोजना प्रस्तावित की गई है। विस्तृत तकनीकी अध्ययन के उपरांत इस परियोजना की डी०पी०आर०, जिसमें दो कॉरिडोर्स (कुल लम्बाई 22.424 कि०मी०) तथा कुल लागत रू0 1852.74 करोड़ है, के प्रस्ताव पर भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त किये जाने के लिए आवासन एवं शहरी विकास कार्य मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी से परियोजना के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने ऑलवेदर रोड चारधाम सड़क परियोजना के लिया आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2023 के लिए केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि ( सी०आर०आई०एफ०) के कार्यों हेतु प्रदेश के जनप्रतिनिधियों से प्राप्त कुल 155 कार्यों के रू0 2550.15 करोड़ के प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान किये जाने का अनुरोध किया गया था। मंत्रालय द्वारा रू० 250.00 करोड़ के कार्यों में सहमति प्रदान की गयी है। मुख्यमंत्री ने अवशेष कार्यों की स्वीकृति दिलाए जाने का प्रधानमंत्री से अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत वर्षों से राज्य में पर्यटकों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होने से राज्य मार्गों में यातायात दवाब में बढ़ोत्तरी हुयी है। राज्य मार्गों को उच्चीकृत किया जाना नितांत आवश्यक है। इस सम्बन्ध में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016 में ही 06 मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में उच्चीकत किये जाने की सैद्धांतिक सहमति दी गयी है। इसके अतिरिक्त 189 किमी0 के काठगोदाम- भीमताल ध्यानाचुली-मोरनोला- खेतीखान लोहाघाट-पंचेश्वर मोटर मार्ग को पर्यटन / सैन्य आवागमन एवं आम जनमानस के लिए नितान्त उपयोगी होने के दृष्टिगत राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किया जाना निवेदित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर टनकपुर से पिथौरागढ़ तक दो लेन मार्ग का निर्माण चारधाम परियोजना के अन्तर्गत निर्मित है। पिथौरागढ़ से लिपुलेख तक की सीमा मार्ग को बी0आर0ओ0 द्वारा विकसित कर दिया गया है।पिथौरागढ़-लिपुलेख मार्ग में स्थित गुंजी गांव से जौलिंगकांग तक के भाग को भी बी०आर०ओ० द्वारा निर्मित कर लिया गया है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग, जोशीमठ, लप्थल- बारहहोटी तक 02-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग का काम भी लगभग पूर्ण हो चुका है। भारत-चीन सीमा में वर्तमान में कोई ऐसा मार्ग नहीं है जो जनपद पिथौरागढ़ के जौलिंगकांग आई०टी०बी०पी० पोस्ट को जनपद चमोली के लप्थल से आई०टी०बी०पी० पोस्ट को सीधे संयोजित करता है। अतः सामरिक रूप से अतिमहत्वपूर्ण टनल मार्गों के निर्माण से उक्त दोनों सीमा पोस्ट की दूरी 404 कि०मी० कम होने के साथ-साथ पर्यटन एवं सीमा प्रबंधन की दृष्टि से भी उपयोगी होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसखण्ड में स्थित पौराणिक मंदिरों में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को दृष्टिगत रखते हुये प्रथम चरण में 16 मंदिरों के समग्र विकास का कार्य किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में पूर्व से निर्मित 1 लेन सड़क मार्गों को 02 लेन में परिवर्तित किये जाने की कार्यवाही गतिमान है। भूमि अधिग्रहण, वनभूमि हस्तांतरण आदि की कार्यवाही राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से की जा रही है। प्रथम चरण में निर्माण कार्य हेतु लगभग रू0 1000 करोड़ की आवश्यकता होगी। उक्त धनराशि भारत सरकार के किसी भी मंत्रालय (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय एवं संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार) से राज्य सरकार को उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से प्रदेश की विभिन्न विकास योजनाओं के साथ सड़कों एवं परिवहन के संबंध में भी चर्चा की तथा अवगत कराया कि सी.आर.आई.एफ ( Central road and infrastructure fund ) से 250 करोड़ रूपये के कार्यों की सहमति सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा दी गई है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को आपदा की स्थिति की भी जानकारी दी तथा प्रदेश में सड़कों एवं पुलो के निर्माण एवं मरम्मत के लिए 2000 करोड़ की स्वीकृति तथा राज्य में पर्यटकों के आवागमन के दृष्टिगत 6 राजमार्गों को राष्ट्रीय राज्य मार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री जी को मानसून की स्थिति एवं आपदा की स्थिति से भी अवगत कराया।मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से सौंग बांध के निर्माण की भी स्वीकृति का अनुरोध करते हुए बताया कि इससे देहरादून शहर की 2050 तक की पेयजल समस्या का समाधान होगा। प्रधानमंत्री ने सौंग बांध के लिए आवश्यक धनराशि स्वीकृत किए जाने के प्रति आश्वस्त किया।मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से इसवर्ष दिसंबर में प्रदेश में प्रस्तावित वैश्विक निवेश सम्मेलन में प्रतिभाग हेतु भी अनुरोध किया।

हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ Badrinath पर विवाद किसके इशारे पर?

हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ बद्रीनाथ धाम पर अब राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है .उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बद्रीनाथ धाम पर टिप्पणी की है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि जिस तरीके से मस्जिदों का सर्वेक्षण कर रही है वैसे ही हिंदुओं के प्रमुख मंदिरों का सर्वेक्षण भी किया जाना चाहिए . स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 9वीं शताब्दी से पहले बद्रीनाथ धाम बौद्ध मठ हुआ करता था और इसे परिवर्तित करके ही मंदिर बनाया गया है.

स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी के बाद अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे तुष्टीकरण की राजनीति बताया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिस तरीके से विपक्षी दलों ने गठबंधन किया है यह उसी का नतीजा है कि हिंदुओं के प्रमुख धाम पर विवाद पैदा किया जा रहा है

.उत्तराखंड के एक और नेता अजय अजय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है अजय अजय इस समय बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी निंदनीय है और इस तरीके का विभाग प्रमुख धामों के नाम पर नहीं किया जाना चाहिए.वास्तव में काशी में ज्ञान व्यापी मंदिर मस्जिद परिसर इस समय विवादों में है। मस्जिद, मंदिर को तोड़कर बनाई गई है या यहां पर पहले से ही मस्जिद मौजूद थी इसको लेकर एएसआई सर्वे करने में जुटा है ।

यह पूरा का पूरा मामला कभी इलाहाबाद हाईकोर्ट तो कभी सुप्रीम कोर्ट में पहुंच जाता है। इसलिए अब इस मामले पर विपक्ष नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने टिप्पणी की है । क्योंकि स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी के नेता है। तो ऐसा माना जा रहा है कि कुछ मुस्लिम संगठनों को खुश करने के लिए ही उन्होंने बद्रीनाथ धाम को विवाद से जोड़ दिया है ।

अब देखना यह है कि स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी का किस तरीके से राजनीतिक विरोध शुरू हो पाता है। स्वामी प्रसाद मौर्य दलबदलू नेता माने जाते हैं । कभी वो बीजेपी के नेता हुआ करते थे तो कभी बहुजन समाज पार्टी का झंडा उठाए घूमा करते थे । लेकिन इन दिनों वो समाजवादी पार्टी की राजनीति करते हैं । पिछले विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की जनता ने स्वामी प्रसाद मौर्य को बड़े अंतर से चुनाव भी दिया है।

देहरादून में कारगिल विजय दिवस मनाया गया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस (शौर्य दिवस) पर गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीदों के परिवारजनों को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि देहरादून एवं पिथौरागढ़ में एक-एक अतिरिक्त जिला सैनिक कल्याण कार्यालय खोला जायेगा। प्रदेश में सैनिक द्वार एवं स्मारकों की देखरेख सैनिक कल्याण विभाग एवं जिला प्रशासन के द्वारा की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल लड़ाई में हमारे जवानों ने अदम्य साहस, वीरता एवं पराक्रम का परिचय देते हुए माँ भारती की रक्षा की। कारगिल में भारत के रणबांकुरों का दुश्मन के खिलाफ किया गया सिंहनाद आज तक उसी वेग से गूंज रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा। कारगिल युुद्ध में उत्तराखण्ड से 75 वीर सपूत शहीद हुए।

जिस सांस्कृतिक परिवेश और विचारों ने हम सभी को पोषित किया है, उस संस्कृति में मान्यता है कि देशभक्ति सभी प्रकार की भक्तियों में सर्वश्रेष्ठ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना के साथ उनका रिश्ता आत्मीयता का रिश्ता है। उन्होंने कहा कि अपने पिता जी से सुनी सैन्य वीरों की गाथाओं ने उन्हें बचपन से ही बहुत प्रभावित किया और उनके अंदर राष्ट्र के प्रति संपूर्ण समर्पण की भावना को जागृत किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों से सेना ना केवल पहले से और अधिक सक्षम और सशक्त हो रही है बल्कि उसकी यश और कीर्ति भी बढ़ रही है। सरकार जहां एक तरफ सेना के आधुनिकीकरण पर बल दे रही है तो वहीं सैनिकों और उनके परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं को भी बढ़ा रही है। भारत सरकार हर स्तर पर सेना को सुदृढ़ करने का कार्य का रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है।

शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य के वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। परमवीर चक्र विजेता को 30 लाख से 50 लाख, अशोक चक्र 30 लाख से 50 लाख, महावीर चक्र 20 लाख से 35 लाख, कीर्ति चक्र 20 लाख से 35 लाख, वीर चक्र और शौर्य चक्र 15 से 25 लाख और सेना गेलेन्ट्री मेडल 07 लाख से 15 लाख करने को मंजूरी दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून के गुनियालगाँव में शहीदों की स्मृति में अत्याधुनिक एवं विभिन्न सुविधाओं से युक्त ’शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा । उत्तराखण्ड सरकार द्वारा युद्ध विधवा एवं युद्ध अपंग सैनिकों को दो लाख रुपये की आवासीय सहायता प्रदान की जा रही है। उत्तराखण्ड में सेवारत एवं पूर्व सैनिकों को 25 लाख मूल्य की सम्पत्ति के खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट अनुमन्य की गयी है ।

हरक सिंह रावत ने प्रेमचंद अग्रवाल का स्टिंग किया!

उत्तराखंड में एक बार फिर से स्टिंग की चर्चा होने लगी है। इस प्रकरण पर नाम फिर से आया है पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का। हरक सिंह रावत के निशाने पर इस बार आए कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल। प्रेमचंद अग्रवाल ऋषिकेश के विधायक हैं और ऋषिकेश के क्षेत्र में आईडीपीएल कॉलोनी को खाली किए जाने के मसले पर हरक सिंह रावत ने प्रेमचंद अग्रवाल को घेर लिया है।

वास्तव में हरक सिंह रावत आईडीपीएल की जनता के समर्थन में खड़े हुए थे। इस दौरान उन्होंने ऋषिकेश के ही विधायक और शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को फोन मिला दिया। फोन पर कई मिनट तक यह बातचीत होती रही। हरक सिंह रावत के किसी सहयोगी ने इस पूरी बातचीत को अपने फोन में रिकॉर्ड कर लिया। हरक सिंह रावत के फोन में कोई फोन रिकॉर्डिंग नहीं हुई। लेकिन हरक सिंह रावत के सहयोगी ने सवाल और जवाब का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में फैला दिया।

इसके बाद ऋषिकेश में बवाल और भी ज्यादा बढ़ने लगा क्योंकि IDPL की जनता अपने स्थानीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ नारेबाजी करने लगी। हरक सिंह रावत अपने खेल में कामयाब हो गए। लेकिन बीजेपी हरक सिंह रावत को घेरने में जुट गई । प्रेमचंद अग्रवाल बीजेपी के कई नेताओं के इस बयान को नैतिक राजनीति का पाठ पढ़ाने लगे ।

हरक सिंह रावत इस बार हरिद्वार संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं । इसलिए आईडीपीएल में जाकर उन्होंने अपना जनसमर्थन जुटाने का प्रयास किया। बातचीत और फोन रिकॉर्डिंग के जरिए अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को यह बताने में भी कामयाब हो गए स्थानीय विधायक की सरकार के भीतर क्या हैसियत है। वास्तव में जब दोनो नेताओं की बात हो रही थी तो कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि डीएम कह रही है कि ऊपर से आदेश है और काम नहीं रोका जाएगा।

आपको बता दें ऋषिकेश आईडीपीएल कॉलोनी में इस समय हजारों परिवार को बाहर निकालने का अभियान चल रहा है। कॉलोनी के ध्वस्तीकरण का कार्य गतिमान है। इस कार्य को रुकवाने के लिए ही हरक सिंह रावत प्रेमचंद अग्रवाल से बातचीत कर रहे थे और पूरी घटना की जानकारी भी प्राप्त कर रहे थे।


वैसे कुछ दिन पहले ही कोटद्वार की मालन नदी पर एक पुल टूट जाने पर स्थानीय विधायक और विधान सभा अध्यक्ष रितु खंडूरी जब मौके पर पहुंचे तो उन्होंने आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रणजीत सिन्हा से टेलीफोन पर बातचीत की थी । इस बातचीत को भी रितु खंडूरी के समर्थकों ने अपने फोन कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया था। उसके बाद उसे भी वायरल किया गया था। ऐसा लगता है कि राजनीति में अब यह एक नई परिपाटी चल पड़ी है।

Uttarakhand.CM पुष्कर सिंह धामी ने किस मुद्दे पर Amit Shah से 3 घंटे तक बात की?

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लंबी मुलाकात हुई है । 3 घंटे तक चली इस मुलाकात में राज्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण मसलों पर गंभीरता के साथ चिंतन मंथन हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों अपनी दिल्ली यात्रा पर है। 3 दिनों के दौरे पर मुख्यमंत्री के कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात के कार्यक्रम बने हुए हैं।

इसके अलावा सांसदों की और संगठन की महत्वपूर्ण बैठक में भी मुख्यमंत्री धामी शिरकत करेंगे। लेकिन सांसद संगठनों की बैठक से ठीक पहले केंद्रीय गृह मंत्री से लंबी बैठक के कई मायने निकाले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात से पहले मीडिया से बातचीत की ।

इस औपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वह दिल्ली क्यों आए हैं ।सीएम धामी ने बताया कि सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से उनकी मुलाकात प्रस्तावित है। राज्य में कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं पर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री से चर्चा होनी है। कई प्रस्ताव मंत्रालय के पास भेजे गए हैं। जिन्हें अंतिम मंजूरी सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा दी जानी है।

इसके अलावा समान नागरिक संहिता को लेकर राज्य सरकार गंभीरता के साथ आगे बढ़ रही है । केंद्रीय नेतृत्व का सीधा आशीर्वाद राज्य सरकार को मिला हुआ है। माना जा रहा है कि अमित शाह से जो मुलाकात सिंह धामी की हुई है उसमें भी समान नागरिक संहिता को लेकर लंबी चर्चा हुई है। समान नागरिक संहिता को लेकर बनाई गई कमेटी जल्दी ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है ।

पहले अंदाजा लगाया गया था कि 30 जून तक ड्राफ्ट राज्य सरकार को मिल जाएगा। लेकिन उसके बाद 15 दिन का अतिरिक्त समय तैयार करने के लिए कमेटी ने लिया था । लेकिन 15 जुलाई को भी ड्राफ्ट रिपोर्ट नहीं मिल पाई है । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली दौरे पर समान नागरिक संहिता पर चर्चा एक बार फिर से हुई है।

वैसे कहा जा रहा है कि जब केंद्रीय गृहमंत्री से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मुलाकात हुई तो उसमें राज्य में मंत्रिमंडल के विस्तार या फिर बदल पर भी उन्होंने मार्गदर्शन मांगा है इस बात को कई अखबारों ने दिल्ली से रिपोर्ट किया है।

हरिद्वार- ऋषिकेश गंगा कोरिडोर बनेगा

  • मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरूवार को सचिवालय में राज्य के विभिन्न शहरों में नवीन टाउनशिप विकसित किये जाने के सबंध में बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कोरिडोर बनाने की कार्यवही शीघ्र शुरू की जाए। इसके क्रियान्वयन के लिए बनाये जाने वाली कम्पनी के लिए भी शीघ्र कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाए।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्टूबर 2026 तक हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कोरिडोर का सम्पूर्ण कार्य पूर्ण हो यह सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में मैदानी क्षेत्रों में 05 एवं पर्वतीय क्षेत्रों में 03 टाउनशिप विकसित किये जाने की दिशा में भी तेजी से कार्य किये जाएं। गढ़वाल एवं कुमाऊँ क्षेत्र में एक-एक हिल स्टेशन विकसित किये जाने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को भी शीघ्र अन्तिम रूप दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने किया जलभराव वाले क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को जनपद हरिद्वार की तहसील लक्सर के विभिन्न क्षेत्रों-लक्सर बजार मदारपुर, शाहपुर बस्ती, प्रहलादपुर, हस्तमौली में अतिवृष्टि एवं सोनाली नदी के कारण हुये जल भराव से प्रभावित क्षेत्रों का रेस्क्यू बोट एवं ट्रैक्टर में बैठकर स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से बातचीत कर उनका हालचाल जाना तथा राहत एवं बचाव कार्यों के सम्बन्ध में अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने लक्सर क्षेत्र में सोनाली एवं अन्य नदियों से होने वाले जल भराव की स्थिति के प्रभावी रोकथाम के लिये फ्लड मैनेजमेंट प्लान तैयार करने के भी निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने और प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये सुनिश्चित कर लिया जाय कि प्रभावितों को रहने खाने एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पूर्ण उपलब्धता हो। पेयजल के साथ ही बच्चों को दूध की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी की निकासी जल्द की जाए। जल जनित रोगों से बचाव के लिए भी सभी आवश्यक व्यस्थाएं की जाय।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बारिश से पेयजल, विद्युत, सड़क एवं अन्य व्यवस्थाएं जो प्रभावित हुयी हैं, उन्हें शीघ्र सुचारू किया जाय। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के साथ ही उनके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

राष्ट्रीय खेलों की तैयारी शुरू

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में अगले वर्ष राज्य में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के सम्बन्ध में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित हुई। बैठक में आयोजन तिथियों, आयोजन स्थलों, खेल के आयोजनों के साथ ही राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से संबंधित अवस्थापना सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में व्यापक विचार विमर्श हुआ।

बैठक में खेल मंत्री रेखा आर्य, मुख्य सचिव डा. एस. एस. संधु अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पाण्डेय एस. एन. पाण्डेय सहित खेल विभाग तथा भारतीय एवं उत्तराखण्ड ओलंपिक संघ के पदाधिकारी मौजूद रहे। निदेशक खेल जितेन्द्र कुमार सोनकर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आयोजन व्यवस्थाओं की जानकारी दी।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में अगले वर्ष 2024 में अक्टूबर-नवंबर में 38वें राष्ट्रीय खेलों तथा देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार हल्द्वानी, नैनीताल रुद्रपुर एवं गूलरभोज में निर्धारित आयोजन स्थलों पर खेलों के आयोजन पर सहमति व्यक्त करते हुए इस आयोजन को भव्यता एवं गरिमा के साथ आयोजित किये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि इसके लिए उच्चाधिकार समिति(एच.पी.सी.) का भी गठन किया जाए जो आयोजन से सम्बन्धित व्यवस्थाओं एवं जरूरतों का ध्यान में रखते हुए त्वरित निर्णय लेने में सक्षम होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20 के सफल आयोजन की भांति यह आयोजन भी सफलतापूर्वक सम्पन्न हो इसका ध्यान रखा जाए इसमें राज्य की देश में बेहतर पहचान बनेगी तथा राज्य के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन में राज्य के परम्परागत खेलों को भी शामिल करने की बात कही। उन्होंने इसके लिए अभी से वातावरण के सृजन पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि गत वर्ष गुजरात एवं इस वर्ष गोवा में आयोजित हो रहे राष्ट्रीय खेलों के आयोजन व्यवस्थाओं का भी अध्ययन किया जाए ताकि व्यवस्थायें और बेहतर हो सके पर्यटन के साथ राज्य की संस्कृति के प्रचार प्रसार का यह आयोजन माध्यम बने इस पर भी ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों में हमारे खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर सके इसके लिए राज्य स्तरीय खेलों का भी आयोजन राष्ट्रीय खेलों से पहले किया जाए। राज्य के जो खिलाड़ी दूसरे राज्यों की ओर से खेल रहे है उन्हें भी राज्य की ओर से खेलने के लिए प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में तैयार की गई नई खेल नीति का भी व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। यह नीति राज्य के युवा खिलाड़ियों के व्यापक हित में तैयार की गई है इससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के साथ हर संभव सुविधा उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने खेल नीति से सम्बन्धित सभी सुविधाओं का लाभ खिलाड़ियों को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।

G 20 में आए विदेशी मेहमानों ने ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में की गंगा आरती

ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में G_20 के मेहमानों द्वारा गंगा आरती में प्रतिभाग किया गया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, अन्य जनप्रतिनिधियों तथा स्थानीय लोगों द्वारा गर्मजोशी से विदेशी मेहमानों का स्वागत किया गया।

गंगा आरती और भजन संगीत से विदेशी मेहमान प्रभावित होकर आध्यात्मिकता में डूबे रहे। कल_कल बहती गंगा की शांत और सुरम्य वादियों को देखकर G_20 के डेलिगेट्स इतने जिज्ञासु, उत्सुक और प्रसन्न दिखे कि गंगा दर्शन के दौरान सेल्फी लेने की होड़ मची रही।

गंगा आरती में विदेशी मेहमानों को भारत की आध्यात्मिकता, योगा, मेडिटेशन, संस्कृति, रीति _नीति और भारत के आतिथ्य सत्कार सबसे एकसाथ साक्षात्कार भी हुआ। गंगा आरती के पश्चात विदेशी मेहमानों ने रात्रिभोज में स्थानीय व्यंजको का लुत्फ उठाया तथा भोज में उनको भारत के मोटे अनाज की और उत्तराखंड की बारहअनाजा संस्कृति का भी परिचय हुआ।

गंगा आरती के दौरान विदेशी मेहमानों को प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के भारत के और उत्तराखंड के परंपरागत प्रयासों का भी परिचय हुआ।

इस दौरान गंगा आरती में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान लोकसभा सांसद हरिद्वार डॉ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’, उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी व प्रेमचंद अग्रवाल, विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान व रायपुर रोड खजान दास, जिला पंचायत अध्यक्ष देहरादून मधु चौहान, महापौर देहरादून सुनील उनियाल व ऋषिकेश अनीता अनीता मंमगाई, पुलिस महानिरीक्षक के. एस. नग्नयाल, आयुक्त गढ़वाल मंडल सुशील कुमार, पुलिस उपमहानिरीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह रावत, सचिव एमडीडीए व महानिदेशक सूचना बशीधर तिवारी, जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून दिलीप सिंह कुंवर सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, महानुभाव और जनमानस उपस्थित थे।