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बीजेपी स्थापना दिवस- CM धामी ने ध्वजारोहण किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को बलबीर रोड स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया तथा इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के संबोधन को वर्चुअल माध्यम से सुना |

बाद में, भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित और राष्ट्र निर्माण के लिए संकल्पित विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल-भारतीय जनता पार्टी के 43वें स्थापना दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं | मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा निरंतर सेवाभाव से राष्ट्रकल्याण की ओर अग्रसर है, भाजपा की ये 43 वर्षों की यात्रा राष्ट्रसेवा, राष्ट्रउत्थान व राष्ट्रीय पुनर्निर्माण की यात्रा रही है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वर्ष 2014 से अब तक आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार निरंतर देश का सर्वांगीण विकास और वंचितों को उनके अधिकार देने का कार्य कर रही है। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश की ख्याति चारों ओर बढ़ी है और दुनिया भारत को एक महाशक्ति के रूप में देख रही है। गरीबों के उत्थान की बात हो, सीमाओं की सुरक्षा हो, विभिन्न देशों के साथ कूटनीतिक संबंध हों या आर्थिक मुद्दे हों, आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर क्षेत्र में अपनी दूरदर्शिता और कुशलता का लोहा मनवाया है। हमारी प्रदेश सरकार ने भी कुछ दिन पूर्व ही अपने कार्यकाल के एक वर्ष पूर्ण किए हैं। बीते एक वर्ष में मैं और मेरी सरकार तो केवल एक माध्यम मात्र रहे,इन एक वर्षों में उत्तराखंड के विकास की “विजय गाथा” स्वयं उत्तराखंड की जनता लिख रही है।

इस एक वर्ष के दौरान, हमने हर क्षण यह प्रयास किया है कि प्रदेश के सामने जो भी चुनौतियां हैं उन सभी का समाधान निकाला जाए और राज्य को विकास की राह पर आगे बढ़ाया जाए। भले ही अपने इस मनोरथ में हम पूर्ण रूप से अभी सफल नहीं हुए हैं परंतु हमारा लक्ष्य स्पष्ट है, हमारी दिशा सही है, हमारी गति उचित है और हमारा मंतव्य विशुद्ध है। उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने का जो “विकल्प रहित संकल्प” लेकर हम चल रहे हैं उसके कुछ पड़ाव हमने पार कर लिए हैं और कई पड़ाव अभी पार करने हैं।

किसी भी सरकार के मूल्यांकन के लिये एक वर्ष का समय बहुत कम होता है, फिर भी मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस एक वर्ष में हमने नए उत्तराखण्ड निर्माण के संकल्प को ध्यान में रखते हुए दिन – रात कार्य करने का प्रयास किया है। अंत्योदय परिवारों को तीन गैस सिलेंडर देने हों, प्रदेश की महिलाओं के लिये क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था को लागू करना हो, समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करना हो, जबरन धर्मांतरण पर रोक के लिये कानून बनाना हो, नई शिक्षा नीति लागू करना हो, नई खेल नीति लागू करना हो, सख्त नकल विरोधी कानून बनाना हो, राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण देना हो |

CM धामी ने की समीक्षा, कई विभाग आए निशाने पर

राज्य के समग्र विकास के लिए विभागों को दिये लक्ष्यों की प्राप्ति की होगी समीक्षा।

मुख्यमंत्री ने विभागाध्यक्षों को दिये 2025 तक के विकास लक्ष्यों को पूर्ण करने के निर्देश।

राजस्व वृद्धि वाले क्षेत्रों को रखा जाए प्राथमिकता पर।

पर्यटक सर्किटों के माध्यम से पूरे प्रदेश को जोड़ने पर दिया जाए ध्यान।

2025 में विभाग की प्रगति क्या होगी?

2025 तक उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए विभागों का जो लक्ष्य निर्धारित है, उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विभागों नेअब तक धरातल पर किये गये कार्यों तथा भविष्य की कार्ययोजना पर तेजी लाने के लिए विभागों की नियमित समीक्षा की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सचिवालय में सशक्त उत्तराखण्ड @25 के अन्तर्गत विभागों की कार्यों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि 2025 के लिए लक्ष्य के सापेक्ष जो भी कार्य किये जा रहे हैं, उनको पूर्ण करने के लिए समय सीमा का विशेष ध्यान रखा जाए।

बेहतर राजस्व प्राप्ति वाले क्षेत्रों वाले विभागों पर विशेष नजर

जिन क्षेत्रों में राज्य के राजस्व वृद्धि में शीघ्रता परिलक्षित है, उन क्षेत्रों को प्राथमिकता पर रखा जाए। सभी विभाग दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक कार्ययोजना के साथ कार्यों को पूरे मनोयोग के साथ धरातल पर लाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो चुका है। सभी विभागों की जल्द ही 31 मार्च 2024 तक की कार्ययोजना, लक्ष्य एवं राजस्व वृद्धि के लिए विभागों द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं, इसकी समीक्षा की जायेगी। राज्य के पर्वतीय जनपदों की आय में वृद्धि के लिए इस क्षेत्र में लोगों की आजीविका सुधार के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है।

अज्जीविका बढ़ाने पर ध्यान दें विभाग: सीएम धामी

उन्होंने कहा कि राज्य में लोगों की आजीविका बढ़ाने एवं राजस्व वृद्धि के लिए तैयार की जा रही कार्य योजना के तहत जो कार्य होने हैं, उनमें सेक्टरवार तेजी लाई जाए। इसके लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें। 2025 तक राज्य के लिए हम क्या महत्वपूर्ण उपलब्धि हांसिल कर सकते हैं, सभी विभाग इस पर विशेष ध्यान दें। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन, कृषि, उद्यान, उद्योग के क्षेत्र में कार्य करने के लिए अनेक संभावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में लघु समयावधि की कार्ययोजना के साथ ही 2030 तक और क्या बेहतर किया जा सकता है, इस दिशा में तेजी से कार्य किया जाए। इन क्षेत्रों से जहां राज्य में लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, राज्य की जीडीपी में भी तेजी से वृद्धि होगी।

नए पर्यटक स्थल विकसित किए जाने पर जोर

उन्होंने कहा कि कुमांऊ क्षेत्र में कुछ ऐसे नये पर्यटक एवं धार्मिक स्थल विकसित किये जाएं कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु, गढ़वाल के साथ कुमांऊ के नैसर्गिक सौन्दर्य का आनन्द भी ले सकें। पर्यटन की दृष्टि से विभिन्न सर्किटों के माध्यम से पूरे उत्तराखण्ड को जोड़ने के भी उन्होंने निर्देश दिये। एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में भी प्रदेश में अनेक संभावनाएं हैं, उत्तराखण्ड में साहसिक पर्यटन के नये स्थलों को विकसित करने की दिशा में भी तेजी से कार्य किये जाएं। जिन पर्यटक स्थलों पर साहसिक गतिविधियां हो रही हैं, उनको और विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए।

स्थानीय उत्पादों से मिलेगी नई पहचान

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए और प्रयासों की जरूरत है। स्थानीय उत्पादों की ब्राडिंग और मार्केटिंग पर ध्यान दिया जाए। एप्पल और कीवी मिशन पर तेजी से कार्य किये जाएं। पर्वतीय क्षेत्रों में ऐरोमेटिक प्लांट की खेती को बढ़ावा दिया जाए।बैठक में दिये गये विस्तृत प्रस्तुतीकरण में जानकारी दी गई कि राज्य में पर्यटन क्षेत्र में 2030 तक विभिन्न गतिवधियों पर आधारित कार्य किये जायेंगे। देवभूमि उत्तराखण्ड में प्रतिवर्ष 01 करोड़ पर्यटक एवं श्रद्धालुओं का आगमन हो, इसके लिए व्यापक कार्ययोजना पर कार्य हो रहा है। इससे राज्य में 05 लाख लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके लिए राज्य में नये पर्यटक एवं धार्मिक स्थलों को विकसित करने के साथ ही अवस्थापना सुविधा के विकास पर विशेष ध्यान दिदया जायेगा। होम स्टे को तेजी से बढ़ावा दिया जायेगा

कौशल विकास केंद्र निभा सकते हैं जिम्मेदारी

राज्य में उच्च शिक्षण संस्थानों में डिग्री कोर्स के अलावा कौशल विकास से सबंधित डिप्लोमा कोर्स संचालित किये जाने पर भी ध्यान दिया जाए। राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नीतियों के सरलीकरण की दिशा में कार्य किये जाने पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जिन क्षेत्रों में दक्ष मानव संसाधन की मांग बढ़ी हैं, ऐसे क्षेत्रों में राज्य के युवाओं के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्थाएं की जाए।

। 2030 तक सेब की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार ने 1500 से 2000 करोड़ का अतिरिक्त निवेश करने का लक्ष्य रखा है, जिससे 2500 करोड़ की अतिरिक्त जीडीपी बढ़ने का अनुमान है। इससे लगभग 30 हजार किसानों की आय में 10 गुना तक वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में मुख्य सचिव डॉ एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्री आनन्द बर्द्धन, सचिव श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, श्री शैलेश बगौली, डॉ पंकज कुमार पाण्डेय, श्री विजय कुमार यादव, श्री एस.एन. पाण्डेय, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, मैकेन्जी से सीनियर पार्टनर श्री अमित खेर, श्री अभिषेक बावेल एवं अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।

 

सरकारी कर्मचारियों को राहत

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरणः प्रदेश के समस्त राजकीय कार्मिकों एवं पेंशनर्स को राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत चिकित्सकीय उपचार को प्रभावी बनाने को लेकर शासन ने नए निर्देश जारी किए हैं। चिकित्सा प्रतिपूर्ति में कार्मिकों या पेंशनर्स को किसी प्रकार की परेशानी न उठानी पडे, नई व्यवस्थाओं में इसका खास ध्यान रखा गया है।नए निर्देशों के अनुसार चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों के निस्तारण हेतु यह जरूरी है कि शासनादेश के अनुरूप जारी अनिवार्यता प्रमाण पत्र में बिल बाउचर समेत सभी जानकारियों स्पष्ट रूप से भरी हों।

नियमों के हिसाब से बिल भुगतान में तेजी

चिकित्सक के साथ ही प्राधिकृत चिकित्सक या चिकित्सा अधिकारी के हस्ताक्षर उसमें होने चाहिए। अनिवार्यता प्रमाण पत्र में यदि किसी तरह का संशोधन हेतु ओवर राइटिंग होती है तो उसे प्राधिकृत या अधीक्षक से सत्पापित कराना होगा।दावों में उपचार अवधि के बिल वाउचर मूल रूप से प्रस्तुत करने होंगे। सभी बिलों पर उपचार कर रहे चिकित्सक के हस्ताक्षर व मुहर जरूरी है। मरीज की मृत्यु की स्थिति में बिल वाउचर के साथ ही मृत्यु विवरण की कॉपी देनी होगी। दावों को उपचार समाप्ति के छह माह के भीतर प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है। निर्धारित अवधि के बाद वह कालातीत माने जाएंगे।

2 हफ्तों में ही किया जाएगा भुगतान

दावों का भुगतान सीजीएचएस दरों पर नहीं हुआ तो इसके लिए प्रमाणितकर्ता अधिकारी जिम्मेदार होंगे। सही ढंग से प्रस्तुत दावों का भुगतान एक पखवाड़े के भीतर ऑनलाइन ही किया जाएगा। राज्य स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत लाभार्थी के आश्रितों की आयुसीमा उत्तराखंड सेवा निवृति लाभ अधिनियम 2018 के अनुरूप होगी। कार्मिकों व पेंशनर्स के चिकित्सापूर्ति दावे सीधे प्रस्तुत नहीं होंगे बल्कि परीक्षण उनके मूल विभाग, प्रशासनिक विभाग के मुखिया की ओर से प्रतिहस्ताक्षरित कर प्रेषित किए जाएंगे। यदि किसी परिस्थति में कार्मिक पेंशनर या उसके आश्रित का गोल्डन कार्ड नहीं बन पाया है तो उनकी आईडी पर भुगतान किया जा सकेगा।प्रतिपूर्ति दावों को पूर्ण कराए जाने का दायित्व संबंधित के मूल विभाग का होगा। लाभार्थियों की शिकायतों के निस्तारण हेतु लोक शिकायत निवारण की व्यवस्था भी नए निर्देशों में की गई है।

CM धामी की PM से महत्वपूर्ण मुलाकात

उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भट्ट के बाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात होने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 2 दिन के दौरे पर दिल्ली पहुंच रहे हैं । यहां उनकी कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात होनी है। इस बीच खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मुलाकात होगी। उत्तराखंड के संदर्भ में मुख्यमंत्री कई योजनाएं लेकर दिल्ली पहुंच रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री धामी क्या सौगात लेकर वापस आते हैं इस पर सबकी नजरें टिकी हुई है।

दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा करने के बाद मोदी के दरबार में सीएम धामी

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार को 1 साल पूरा हो गया है। इस दौरान राज्य सरकार ने भी प्रदेश भर में अपने कई कार्यक्रम आयोजित किए। राज्य बीजेपी इकाई भी अपनी उपलब्धियों को लगातार जनता तक पहुंचा रही है । इस बीच पुष्कर सिंह धामी को बधाइयां मिलने का सिलसिला भी जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली दौरे पर पहुंच रहे हैं और यहां उनकी मुख्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात होनी है। वैसे बताया यह गया है कि कई सरकारी योजनाओं के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुख्यमंत्री धामी की मुलाकात होगी।

हाल ही में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भी मिले हैं पीएम मोदी से

2 दिन पहले उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भट्ट के भी प्रधानमंत्री के साथ एक लंबी बातचीत हुई है। महेंद्र प्रसाद भट्ट ने इस बातचीत को बहुत सकारात्मक बताया। महेंद्र प्रसाद भट्ट के मुताबिक उन्होंने प्रधानमंत्री को चार धाम यात्रा पर आने का निमंत्रण दिया। इसके साथ-साथ राज्य के बीजेपी विधायकों के प्रशिक्षण शिविर में प्रधानमंत्री की तरफ से व्याख्यान देने का भी अनुरोध किया गया है । प्रधानमंत्री ने महेंद्र प्रसाद भट्ट को आश्वस्त किया है कि वह विधायकों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित अवश्य करेंगे। इसके लिए समय निर्धारित किया जा रहा है।

मुलाकत के निकाले जा रहे सियासी मायने

इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली दौरे के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व उत्तराखंड के बारे में कोई महत्वपूर्ण फैसला ले सकता है। इसीलिए पहले राज्य के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भट्ट की प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई और अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मुलाकात होने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कई महत्वपूर्ण मसले पर केंद्र का मार्गदर्शन प्राप्त करते रहे हैं। देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केंद्र से क्या सौगात लेकर उत्तराखंड पहुंचते हैं। इस बात पर भी नजरें खासतौर पर जमे रहेंगे कि आने वाले समय में किस तरीके के राजनीतिक फैसले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तरफ से लिए जाते हैं।

छोटे अधिकारी नहीं ले पाएंगे बड़े फैसले

उत्तराखंड में अब सचिवालय में फैसले लेने के लिए कुछ अधिकारियों को असीमित अधिकार दे दिए गए हैं । मुख्य सचिव एसएस संधू की ओर से जारी आदेश के मुताबिक उच्च अधिकार प्राप्त समिति का गठन कर लिया गया है और यह समिति 3 दिन में अपने महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है । परामर्श समिति के फैसलों के बाद संबंधित विभाग के सचिव या प्रमुख सचिव आदेश जारी कर सकते हैं ।मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव एसएस संधू ने यह आदेश जारी किए हैं ।

सचिवालय की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए

वास्तव में उत्तराखंड सचिवालय की कार्यप्रणाली से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नाखुश बताए जा रहे थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अंदाजा है कि सचिवालय में कई फाइलें लंबे समय तक लंबित रहती हैं । इस कारण जनता से जुड़े कई महत्वपूर्ण मसलों पर फैसला नहीं हो पाता ।इसलिए फैसले त्वरित गति से हो, इसके लिए उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित की जाएगी। जिसके अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे और संबंधित विभाग के अधिकारी इस समिति के सदस्य होंगे ।अपर सचिव स्तर से नीचे का कोई भी अधिकारी इस समिति में नहीं होगा ।लेकिन एक प्रशासनिक अधिकारी जरूर होगा जो तमाम जरूरी कागज ,शासनादेश और महत्वपूर्ण फैसलों को एक साथ लेकर बैठक में उपस्थित होगा।

सचिवालय सेवा के अधिकारियों के अधिकार में कटौती

हालांकि अभी तक सचिवालय संघ की तरफ से इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है ।लेकिन माना जा रहा है कि सचिवालय सेवा के अधिकारियों के अधिकारों में कटौती करने का यह अघोषित फरमान जारी कर दिया गया है।

पहले भी कई मुख्यमंत्रियों ने की है टिप्पणी

उत्तराखंड में पहले भी कई पूर्व मुख्यमंत्री सचिवालय के कामकाज को लेकर टिप्पणियां करते रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भी एक बार ऐसे ही टिप्पणी की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि सचिवालय के अधिकारी उनकी लिखी हुई फाइलों की जलेबी बना देते हैं। इससे अंदाजा लगता है कि सचिवालय के अधिकारियों की कार्यप्रणाली से मुख्यमंत्रियों को परेशानी होती है। इसलिए शायद पुष्कर सिंह धामी ने भविष्य में ऐसी किसी भी परेशानी से बचने के लिए अभी से

G-20 की तैयारियों का जायजा लिया सीएम धामी ने

प्रथम बार जी-20 सम्मेलन के अवसर पर मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा क्षेत्र का भ्रमण किया गया। CM धामी के डिग्री कॉलेज रामनगर पहुंचने पर लोक सांस्कृतिक छोलिया दलों के साथ ही स्थानीय महिलाओं द्वारा कुमाऊॅनी परिधान में एकत्र हो कर फूलों की वर्षा कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री धामी द्वारा डिग्री कालेज से पैदल ही मार्ग का निरीक्षण किया गया। मार्ग की दीवारों पर उत्तराखण्ड की संस्कृति को उकेरा गया है, उसे देखकर मुख्यमंत्री धामी गौरवान्वित हुये। मुख्यमंत्री ने मार्ग की पेंटिंग को देखकर स्वयं फोटो खिचवाई। CM धामी रामनगर की बदली तस्वीर देखकर प्रफुल्लित हुये।

पूरे क्षेत्र की सजावट की गई

जी- 20 की मेजबानी के चलते मार्ग में जिन लोगों के अव्यवस्थित आवासीय भवन थे उनका सौंदर्यीकरण जिला प्रशासन द्वारा करने पर क्षेत्र के लोगों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री धामी द्वारा जीआईसी ढिकुली विद्यालय का लोकार्पण किया गया। जीआईसी ढिकुली स्कूल में सौन्दर्यीकरण एवं फर्नीचर की व्यवस्थायें उच्चकोटी के साथ सुसज्जित की गई है। सीएम धामी द्वारा विद्यालय की बाल वाटिका एवं झूलों का भी निरीक्षण किया गया।

सीएम धामी ने पूजा की

इसके पश्चात मुख्यमंत्री धामी ने ढिकुली गर्जिया मन्दिर पहुंचकर माता के दरबार में पूजा अर्चना की तथा प्रदेश में अमन एवं खुशहाली के लिए प्रार्थना की। धामी ने गर्जिया मन्दिर के सौंदर्यीकरण हेतु प्रस्ताव सिंचाई विभाग को 15 अप्रैल तक देने के निर्देश दिये। इस अवसर पर विधायक श्री दीवान सिंह बिष्ट, राकेश नैनवाल, इन्दर रावत, दिनेश मेहरा, चौहान चन्द्र इसके साथ ही जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, एसएसपी पंकज भटट, मुख्य अभियंता सिंचाई संजय शुक्ल, प्रभागीय वनाधिकारी कुंदन कुमार, एसडीओ पूनम के साथ ही गणमान्य एवं क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी। ———————————— जिला सूचना अधिकारी, नैनीताल 05946220184

अमित शाह के उत्तराखंड दौरे की तैयारी शुरू

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह का उत्तराखंड दौरा तय हो गया है । अमित शाह 31 मार्च को उत्तराखंड के दौरे पर रहेंगे । हरिद्वार में अमित शाह एक सरकारी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे । इस दौरान राज्य में लगभग 670 न्याय पंचायतों की बहुद्देशीय सहकारिता समितियों को कंप्यूटरीकरण किए जाने की औपचारिक शुरुआत हो जाएगी।

किसानों को मिलेगी सौगात

इस दौरान उत्तराखंड के किसानों के लिए कई सौगातें को भी दिए जाने की तैयारी हो रही है। राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत इस कार्यक्रम की तैयारियों में पिछले काफी समय से जूते हुए हैं। हरिद्वार के ऋषि कुल मैदान में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा और इस दौरान किसानों को सहकारिता समितियों के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिले इसकी रूपरेखा भी तैयार की जाएगी और उसे औपचारिक रूप से शुरू किया जाएगा ।

सहकारी समितियों के जरिए मिलेगा सस्ता इलाज

खबर है कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह इस दौरान खास तौर पर चिकित्सा सुविधाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए सहकारिता समितियों की मदद लेने का औपचारिक ऐलान करेंगे। यानी उत्तराखंड के हर गांव, देहात या दूरस्थ इलाके में अब सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों का इलाज संभव हो सकेगा।

अब ग्रामीण क्षेत्र में वोट बढ़ाने पर है बीजेपी की नजर

ग्रामीण क्षेत्र में बीजेपी लंबे समय से महत्वपूर्ण योजनाओं को क्रियान्वयन करने का काम कर रही है जाहिर सी बात है शहरी क्षेत्रों में अपने वोट शेयर को बढ़ाने के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं पर पार्टी के सीधी नजर है। इसलिए वहां तमाम योजनाओं को लागू किया जा रहा है ताकि ग्रामीण क्षेत्र में बीजेपी अपनी पैठ को और ज्यादा मजबूत कर सके।

राजनीतिक चर्चा भी कर सकते हैं अमित शाह

कई लोग संभावना जता रहे हैं कि अमित शाह के दौरे में सिर्फ सरकारी कार्यक्रम ही नहीं है। बल्कि वह बीजेपी के कई धुरंधर नेताओं से भी मुलाकात करेंगे और राज्य में बीजेपी की वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर कुछ नए दिशानिर्देश की उत्तराखंड इकाई को दे सकते हैं। उत्तराखंड में लंबे समय से कई ऐसे मुद्दे हैं जिनकी चर्चा मीडिया के जरिए लगातार होती रहती है । बीजेपी के राज्य स्तरीय और केंद्रीय नेता अक्सर ऐसे कई मुद्दों पर बयान भी देते रहते हैं। हो सकता है अमित शाह के इस दौरे में बहुत से राजनीतिक फैसले दिखाई दें।

एक साल बेमिसाल, क्या वाकई में किया कमाल?

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने दूसरे कार्यकाल में पहला वर्ष पूरा कर रहे हैं। पुष्कर सिंह धामी ने इन 1 साल में कौन-कौन से महत्वपूर्ण काम किए हैं, और कौन-कौन सी चुनौतियां रही जो इस वर्ष उनके सामने खड़ी थी ।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने अगले 1 वर्ष में और कौन-कौन सी चुनौतियां हैं जिसका सामना पूरी बीजेपी को धामी के नेतृत्व में करना है।

एक साल पूरा होने पर मनाया जा रहा है जश्न

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 23 मार्च को अपने दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा कर रहे हैं । इस दौरान देहरादून से लेकर राज्य के तमाम जनपदों और विधानसभा क्षेत्रों में जश्न मनाया जा रहा है । पुष्कर सिंह धामी की सरकार पिछले 1 वर्ष की उपलब्धियों को जनता के सामने बताने की कोशिश कर रही है ।

महिलाओं को आरक्षण देने का फैसला किया धामी सरकार ने

पुष्कर सिंह धामी की सरकार का दावा है कि उन्होंने अपने इस 1 वर्ष के छोटे से कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। उन फैसलों को इस सरकार ने लिया है, जो फैसले पिछली सरकारें नहीं ले पाई ।यह दावा पुष्कर सिंह धामी की सरकार का है। धामी सरकार का दावा है कि उन्होंने 1 वर्ष में राज्य की महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 30% के क्षैतिज आरक्षण के कानून को मंजूरी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वैसे 2004-5 से उत्तराखंड में राज्य की महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 30% आरक्षण मिला करता था। लेकिन नैनीताल हाईकोर्ट ने एक अपील पर सुनवाई करते हुए इस आरक्षण व्यवस्था को निरस्त कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंची और साथ-साथ विधानसभा में एक कानून पारित करवाया जिससे उत्तराखंड मूल की महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 30% का आरक्षण फिर से मिलने लगा है।

राज्य आंदोलनकारियों को भी दिया लाभ

पुष्कर सिंह धामी की सरकार दूसरा बड़ा दावा करती है कि उन्होंने उत्तराखंड के आंदोलनकारियों को सरकारी सेवाओं में 10% आरक्षण को मंजूरी दिलवा दी है। यह मंजूरी भी पहले 2004-5 में एनडी तिवारी की सरकार दे चुकी थी। लेकिन नैनीताल हाईकोर्ट ने 2014-15 में इसको रद्द कर दिया था। उसके बाद से 4 मुख्यमंत्री लगातार इसे नहीं सुलझा पाए। पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने इस मामले में भी कदम आगे बढ़ाए हैं। और इसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर वह प्रचारित कर रही है।

पेपर लीक के बाद सख्त नकल विरोधी कानून और धर्मांतरण पर कानून बनाया

पुष्कर सिंह धामी सरकार दावा करती है कि उन्होंने सरकारी सेवाओं के लिए होने वाली परीक्षाओं में पारदर्शी व्यवस्था को दुरुस्त बनाने की कोशिश की है। परीक्षा नकल विहीन हो इसके लिए सख्त नकल विरोधी कानून बनाया गया है। पुष्कर सिंह धामी की सरकार दावा करती है कि ऐसा कानून देश भर में अभी तक किसी ने नहीं बनाया है। इसके अलावा उत्तराखंड सरकार धर्मांतरण को लेकर भी कड़ा कानून बना चुकी है और इसे बड़ी उपलब्धि बताया जा रहा है।

समान नागरिक संहिता पर ड्राफ्ट हो रहा तैयार

समान नागरिक संहिता के मामले पर पुष्कर सिंह धामी की सरकार आगे बढ़ी और ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। धामी सरकार दावा करती है कि जो ड्राफ्ट उत्तराखंड सरकार की तरफ से तैयार किया जा रहा है वह पूरे देश में एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।

पेपर लीक की घटनाओं से सरकार को परेशान किया

लेकिन पुष्कर सिंह धामी के सामने इसके अलावा कई महत्वपूर्ण चुनौतियां भी रही हैं जो उन्होंने अपने 1 वर्ष के कार्यकाल के दौरान झेली है। उत्तराखंड में लगातार एक के बाद एक पेपर लीक की घटनाओं ने राज्य सरकार को बैकफुट पर धकेल दिया था। बेरोजगार युवाओं का धरना प्रदर्शन और आंदोलन लगातार न सिर्फ देहरादून में हो रहा था बल्कि पूरे प्रदेश में यह आग फैली हुई थी। इस पेपर लीक प्रकरण से सरकार थोड़ा परेशान जरूर हुई । लेकिन अब नकल विरोधी कानून बनाकर सरकार ने थोड़ी भरपाई जरूर की है जो उसकी छवि पर दाग लगा था।

विधानसभा भर्ती घोटाले में हुई फजीहत

उत्तराखंड में विधानसभा भर्ती घोटाला एक चर्चा का विषय जरूर बना रहा इसने ना सिर्फ सरकार को बीजेपी को बल्कि संघ और उससे जुड़े दूसरे संगठनों के पदाधिकारियों पर भी कई दाग लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन आखिर में विधानसभा में भर्तियों को निरस्त कर दिया गया। लेकिन यह एक बड़ा मुद्दा रहा और इस मुद्दे से पार पाने में सरकार को खासी मशक्कत करनी पड़ी।

अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद परेशान हुई सरकार

उत्तराखंड की राजनीति में अंकिता भंडारी हत्याकांड एक बड़ा मामला था। ऋषिकेश के पास यमकेश्वर ब्लॉक में यह मामला हुआ। जब बीजेपी से जुड़े लोगों पर अंकिता भंडारी को अनैतिक कार्यों में धकेलने के आरोप लगे और जब वह उस कार्य में शामिल नहीं हुई तो उसकी हत्या कर दी। इस मामले के आरोपी फिलहाल जेल की सलाखों के पीछे हैं। लेकिन परिजन सीबीआई जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं। इस मामले ने राज्य सरकार को थोड़ा परेशान किया। क्योंकि जब पुलिस ने नैनीताल हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की तो उसने बताया कि वह फॉरेंसिक एविडेंस इकट्ठा नहीं कर पाई। क्योंकि अंकिता भंडारी के कमरे में कई लोगों का आना-जाना निर्बाध रूप से होता रहा।

भविष्य की चुनौती- चारधाम यात्रा

अब बात करते हैं भविष्य की चुनौतियों को लेकर। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने आने वाले 1 महीने में सबसे बड़ी समस्या चार धाम यात्रा की है। इस यात्रा को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय सीधा नजर बनाए हुए हैं । पिछले वर्ष यात्रा में 250 से ज्यादा तीर्थ यात्रियों की मौत हुई थी। इसलिए केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर है । उत्तराखंड सरकार ने यात्रा संचालन को लेकर पहले रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को अपनाने की कोशिश की। लेकिन तीर्थ पुरोहितों स्थानीय व्यापारियों के दबाव में सरकार अब अपना फैसला पलटने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सीधा जवाब दिया है कि वह एक मध्यम मार्ग को चुनेंगे जिसमें सभी का भला होगा और सभी को साथ लेकर वह चल सकेंगे।

स्थानीय निकाय चुनाव में होगी धामी सरकार की परीक्षा

पुष्कर सिंह धामी के सामने दूसरी बड़ी चुनौती इस साल के आखिर में होने वाले स्थानीय निकाय के चुनाव हैं । पिछले चुनाव में बीजेपी के हाथ से कई नगर निगम निकल गए थे । इसलिए ऐसे में पुष्कर सिंह धामी के सामने चुनौती है कि वह स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी को उसी तरीके से जीत जलाएं जिस तरीके से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल हुई है। वैसे पुष्कर सिंह धामी के सामने एक चुनौती अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव भी हैं। हालांकि वह चुनाव होंगे जब पुष्कर सिंह धामी अपने कार्यकाल तीसरे वर्ष में प्रवेश करेंगे । लेकिन उसकी रूपरेखा इसी वर्ष तैयार होगी क्योंकि इसी साल होने वाले कार्यों के आधार पर वोट मांगे जा सकेंगे।

उत्तराखंड चार धाम यात्रा , 22 अप्रैल को खुलेंगे श्री गंगोत्री धाम के कपाट

श्री गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया शनिवार 22 अप्रैल को दिन में 12 बजकर 35 मिनट पर खुलेंगे। आज नवसंवत्सर चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखवा ( मुखीमठ) में श्री 5 मंदिर समिति गंगोत्री द्वारा मां गंगा भगवती दुर्गा की पूजा अर्चना के पश्चात विधि विधान पंचाग गणना के पश्चात विद्वान आचार्यों- तीर्थपुरोहितों द्वारा श्री गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि तथा समय तय किया गया। तथा श्री 5 मंदिर समिति गंगोत्री के अध्यक्ष एवं तीर्थ पुरोहित हरीश सेमवाल तथा मंदिर समिति सचिव / तीर्थ पुरोहित सुरेश सेमवाल ने विधिवत कपाट खुलने की तिथि की विधिवत घोषणा की।

मां गंगा की उत्सव डोली के धाम प्रस्थान का भी कार्यक्रम तय हुआ

मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि इस अवसर पर मां गंगा की उत्सव डोली के धाम प्रस्थान का भी कार्यक्रम तय हुआ। शुक्रवार21 अप्रैल को मां गंगा की उत्सव डोली समारोह पूर्वक सेना के बेंड के साथ मुखीमठ से प्रस्थान कर भैरवनाथ जी के मंदिर भैंरो घाटी प्रवास हेतु पहुंचेगी। 22 अप्रैल को भैंरो घाटी से मां गंगा की डोली 9.30 बजे प्रात:तक गंगोत्री धाम पहुंच जायेगी तथा 22 अप्रैल को दिन में 12 बजकर 35 मिनट पर श्री गंगोत्री मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जायेंगे।


यहां यह उल्लेखनीय है कि मां यमुना के कपाट भी अक्षय तृतीया के दिन खुलते है। यमुना जयंती के अवसर पर कपाट खुलने की तिथि समय की विधिवत घोषणा होगी। वही श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल प्रात: 7 बजकर दस मिनट तथा श्री केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल प्रात: 6 बजकर 20 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुलेंगे।

चारधाम यात्रा प्रशासन संगठन के विशेष कार्याधिकारी / अपर आयुक्त गढ़वाल नरेन्द्र सिंह क्वीरियाल ने बताया कि चारों धामों में सभी विभागों को यात्रा संबंधित तैयारियां तथा कार्य को 15 अप्रैल तक पूरा किये जाने हेतु गढवाल कमिश्नर/ अध्यक्ष यात्रा प्रशासन संगठन सुशील कुमार द्वारा जिलाधिकारी चमोली , रूद्रप्रयाग तथा उत्तरकाशी को निर्देश के दिये हैं।
यात्रा प्रशासन संगठन के वैयक्तिक सहायक अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शासन के दिशा-निर्देश पर ऋषिकेश में चारधाम यात्रा ट्रांजिट केंप में चारधाम यात्रा से पहले आवश्यक यात्री सुविथायें जुटायी जा रही है।

ये कंफ्यूशन क्यों है?

उत्तराखंड में मंत्री कंफ्यूज है , उत्तराखंड में सरकारी अधिकारी कंफ्यूज हैं। यानी नीति बनाने वाले और नीतियों को लागू करने वाला वर्ग पूरी तरीके से कंफ्यूज है। और जब यह कंफ्यूज होते हैं तो राज्य के स्थानीय निवासी भी कंफ्यूज हो जाते हैं। इन सारे कंफ्यूजन के बीच में कंफ्यूज यात्री भी हो गए हैं। जो राज्य की प्रमुख चार धाम यात्रा पर आने की तैयारी कर रहे हैं।

चारधाम यात्रा की हो रही है तैयारी, तीर्थ पुरोहित फिर नाराज़

वास्तव में राज्य सरकार चार धाम यात्रा की व्यवस्था को लेकर तैयारियों में व्यस्त है । लगातार बैठकों का दौर चल रहा है । इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय भी राज्य की चार धाम यात्रा पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। राज्य सरकार ने एक बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए यात्रा संचालित किए जाने की बात कही तो उसके बाद राज्य के व्यापारी और तीर्थ पुरोहित सरकार के फैसले के खिलाफ या कहें तो सरकार के खिलाफ आंदोलन करने पर उतर आए और सरकार तक अपनी शिकायतें पहुंचाई जाने लगी। इस बीच राज्य सरकार कोई गतिरोध यात्रा के मामले में तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय व्यापारियों से नहीं लेना चाहती। इसलिए अपने बयान से या अपने फैसले से वह कई बार पलटते हुए भी नजर आई।

पिछले साल 250 तीर्थ यात्रियों की हुई थी मौत

उत्तराखंड चार धाम यात्रा कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण है। बद्रीनाथ, केदारनाथ , गंगोत्री और यमुनोत्री में लाखों श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं। लेकिन पिछले साल चार धाम यात्रा करने आए तीर्थ यात्रियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। एक सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार 250 से ज्यादा तीर्थ यात्रियों की उत्तराखंड में मौत हो गई। इसके बाद ही केंद्र सरकार हरकत में आई है।

PMO कर रहा है यात्रा की तैयारी की निगरानी

इस बार प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग खासतौर पर यात्रा की तैयारियां कर रहा है। जहां एम्स ऋषिकेश केंद्र सरकार की तरफ से नोडल विभाग तय कर दिया गया है, वहीं केंद्र की सुरक्षा एजेंसियां और आपदा प्रबंधन में जुटी हुई फोर्सेस पूरी तरीके से अलर्ट है। उत्तराखंड सरकार का पूरा ध्यान चार धाम यात्रा पर है। और एसडीआरएफ भी अलर्ट मोड पर है। इस बीच तीर्थ यात्रियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर एक भारी कन्फ्यूजन अभी भी बना हुआ है।

तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यसचिव से की मुलाकात

मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू के साथ तीर्थ यात्रियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की और आग्रह किया कि यात्रा जैसे चला करती थी उसे वैसे ही जारी रहने दिया जाए। लेकिन अभी राज्य सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं प्राप्त हुए हैं ।तो देखना यह काफी महत्वपूर्ण है कि यात्रा इस बार कैसे संचालित होती है और राज्य और केंद्र की एजेंसियां कैसे अलर्ट रहती है